रेहड़ी पटरी वालों को कोरोना महामारी के पश्चात फिर से अपना व्यवसाय शुरू करने का मौका देने वाली प्रधानमंत्री स्वनिधि (PM SVANidhi) योजना को संसदीय समिति ने समाज में सबसे पीछे खड़े वर्ग के उत्थान के लिए बेहद जरूरी माना है और इसके तहत ₹100000 तक का लोन देने की सिफारिश की है।
योजना को पूरे होंगे 3 साल
पीएम सवनिधि (PM SVANidhi) योजना गुरुवार यानी 1 जून को 3 साल पूरे हो जाएंगे। इसके तहत 42 लाख से अधिक रेडी पटरी दुकानदारों को कम से कम ₹10000 तक का ब्याज मुक्त कर्ज दिया गया है। इस योजना के संचालन में महाराष्ट्र मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश तेलंगाना जैसे राज्य सबसे आगे हैं
₹100000 तक का मिल सकता है लोन
इस योजना की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि रेडी पटरी वाले लाखों दुकानदार औपचारिक रूप से बैंकिंग व्यवस्था से जुड़े रहेंगे. यदि कोई दुकानदार अपने व्यवसाय का विस्तार करना चाहता है और लोन लौटाने के मामले में उसकी खास अच्छी रूचि है तो उसे ₹100000 का लोन भी आसानी से मिल जाना चाहिए।
50000 तक मिल सकता है लोन
पीएम स्वनिधि (PM SVANidhi) योजना के तहत अब शुरुआती लोन ₹10000 मिलता है इसके पश्चात कोई दुकानदार अपनी क्रेडिट रैंकिंग के आधार पर 20000 और इससे अधिक ₹50000 तक का लोन ले सकते हैं। समिति ने आवास और शहरी कार्य मंत्रालय से इस योजना के असर का आकलन करने के लिए अध्ययन कराने की भी सिफारिश की है।
योजना के लिए आवंटित किए गए 468 करोड रुपए
इस योजना को पहले केवल मार्च 2022 तक ही रेडी पटरी दुकानदारों को सीधा लाभ पहुंचाने के लिए चलाना था, परंतु इसके महत्व और सफलता को देखते हुए इसे 2024 तक के आखिरी तक बढ़ा दिया गया मौजूदा वित्तीय वर्ष में पीएम स्वनिधि योजना के लिए 468 करोड रुपए आवंटित किए गए हैं।
इसका लक्ष्य है 800000 लोन वितरित करने का रखा गया है। 2024 के आखिरी तक पहली दूसरी और तीसरी किस्त वाले कुल 5700000 लोन वितरित करने का जो लक्ष्य रखा गया है। उस लक्ष्य को पाना मंत्रालय के लिए आसान नहीं होगा, क्योंकि अप्रैल 2023 तक कुल 42.70 लाख लोन ही दिए जा सके हैं।
निजी बैंकों को जोड़ना चुनौती
PM SVANidhi के तहत निजी बैंकों ने केवल 93164 लोन ही रेहड़ी पटरी वालों को दिए हैं, जोकि कुल ऋण का केवल 2.21% है से संबंधित करदाताओं के साथ कई समीक्षा बैठके की है, परंतु निजी बैंकों की हिचक कायम है।