रसायन विज्ञान पदार्थ, परमाणु एवं अणु (Matter, Atom & Molicule)
ऐसी कोई भी वस्तु जिसका कुछ आयतन तथा द्रव्यमान होता है और जिसका अनुभव हम अपनी ज्ञानेद्रियों से कर सकते हैं, उसे पदार्थ कहते हैं।
पदार्थ की तीन भौतिक अवस्थायें होती हैं-
1. ठोस (Solid) 2. द्रव (Liquid) 3. गैस (Gas)
ठोस पदार्थों का आकार और आयतन दोनों निश्चित होता है। द्रव का आयतन तो निश्चित होता है परन्तु आकार अनिश्चित होता है। जबकि गैसों का न कोई आकार होता है और न ही आयतन।
पदार्थों के सामान्य गुण
घनत्व (Density) :- किसी पदार्थ के प्रति इकाई आयतन के द्रव्यमान को घनत्व कहते हैं। यदि किसी पदार्थ का द्रव्यमान m तथा आयतन v हो तो घनत्व होगा d = m/v
कठोरता :- कोई पदार्थ कितना कठोर है, इसका अनुमान इसके गुण से लगाया जाता है कि उसमें खरोच (Scratch) की प्रतिरोधक क्षमता कितनी है?
यौगिक (Compounds) :- वे पदार्थ जो दो या दो से अधिक तत्वों के निश्चित अनुपात में परस्पर संयोग से बनते हैं यौगिक कहलाते हैं। यौगिक के गुण, इसके संघटक तत्वों के गुणों से विल्कुल भिन्न होते हैं। जैसे- पानी, नमक चीनी, एल्कोहल।
मिश्रण (Mixtures) :- दो या दो से अधिक तत्वों अथवा यौगिकों को किसी अनिश्चित अनुपात में मिलाने से जो पदार्थ प्राप्त होता है, उसे मिश्रण कहते हैं। जैसे- वायु इसमें आॅक्सीजन, नाइट्रोजन तथा कार्बन डाइआॅक्साइड जैसे तत्व विभिन्न अनुपात में होते हैं।
परमाणु (Atom) :- परमाणु तत्व का वह छोटे से छोटा कण है, जो किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में भाग ले सकता है, परन्तु स्वतंत्र नहीं रह सकता है।
अणु (Molecule) :- तत्व अथवा यौगिक का वह छोटे से छोटा कण जो स्वतंत्र अवस्था में रह सकता है, अणु कहलाता है। तत्वो के अणु एक ही प्रकार के परमाणुओं से मिलकर बनते हैं।
परमाणु की संरचना (Structure of atom) :- परमाणु मुख्यतः तीन कणों से मिल कर बने होते है- प्रोटाॅन, न्यूट्रान तथा इलेक्ट्रान। प्रोटान और न्यूट्रान नाभिक में स्थित होते है जहाॅ परमाणु का पूर्ण भार केन्द्रित रहता है। नाभिक धनावेशित होता है क्योंकि उसमें उपस्थित प्रोटान धनावेशित होता है, न्यूट्रान पर कोई आवेश नहीं होता है। चॅूकि परमाणु इलेक्ट्रानिक रूप से उदासीन होता है इसलिए परमाणु में उतने ऋणावेश होना आवश्यक है जो नाभिक के धनावेश को उदासीन कर सके या उसके बराबर हो सके। इलेक्ट्रान ऋणावेशित होते हैं। इलेक्ट्रान के आवेश का परिमाण प्रोटान के आवेश के परिमाण के बराबर होता है और ये नाभिक के चारों ओर तेज गति से घूमते हैं।
प्रोटान का सापेक्ष आवेश +1 होता है, न्यूट्रान आवेश रहित अथवा उदासीन होता है जबकि इलेक्ट्रान का सापेक्ष आवेश -1 होता है।
परमाणु में उपस्थित सभी कणों में न्यूट्रान सर्वाधिक भारी होता है। साधारण हाइड्रोजन को छोड़कर अन्य सभी तत्वों के परमाणुओं में न्यूट्रान पाया जाता है। नाभिक के बाहर न्यूट्रान रेडियो धर्मी हो जाता है।
परमाणु क्रमांक (Atomic number) :- किसी तत्व के परमाणु नाभिक में उपस्थित प्रोटाॅनों की संख्या को परमाणु क्रमांक कहते हैं। इसे Z से दर्शाते हैं। किसी तत्व के सभी परमाणुओं में प्रोटाॅनों की संख्या समान होती है। अतः परमाणु क्रमांक किसी तत्व का आधारभूत गुण है।
द्रव्यमान संख्या या परमाणु द्रव्यमान (Mass number of atomic mass) :- किसी परमाणु के नाभिक मे उपस्थित प्रोटाॅनों की संख्याओं का योग उस परमाणु की द्रव्यमान संख्या कहलाती है। इससे A से दर्शाते हैं।
समस्थानिक (Isotopes) :- जिन तत्वों की परमाणु संख्या समान किन्तु परमाणु भार भिन्न-भिन्न होते समस्थानिक कहे जाते हैं। जैसे- हाइड्रोजन के तीन समस्थानिक हैं-
हाइड्रोजन ड्यूटेरियम ट्राइटियम
परमाणु संख्या – 1 1 1
परमाणु द्रव्यमान – 1 2 3
समभारिक (Isobars) :- वे तत्व जिनके परमाणु द्रव्यमान समान किन्तु परमाणु क्रमांक भिन्न-भिन्न होते हैं, जैसे
आर्गन (Ar) पोटैशियम (K) कैल्शियम(Ca)
परमाणु भार- 40 40 40
परमाणु संख्या- 1 2 3
सम न्यूट्राॅनिक :- वैसे नाभिक जिनमें न्यूट्रानों की संख्या समान परन्तु प्रोट्रानों की संख्या भिन्न हो, समन्यूट्रानिक कहलाते हैं। जैसे- 6C13और 7M14 समन्यूट्रानिक हैं क्योंकि न्यूटाॅनों की संख्या समान (7) है।
सम इलेक्ट्रानिक (Isotones) :- वैसे परमाणु, अणु या आयन जिनमें इलेक्ट्रानों की संख्या समान हो, समइलेक्ट्रानिक कहे जाते हैं।
जैसे- N2 CO CN-
इलेक्ट्रानो की संख्या- 7+ 7 =14, 6 + 8 =14, 6 + 8 =14,
अफवाऊ का नियम :- विभिन्न कक्षकों में इलेक्ट्राॅन उनकी बढ़ती हुई ऊर्जा के क्रम में भरे जाते हैं बढ़ती हुई ऊर्जा का क्रम निम्न प्रकार है-
1S< 2S< 2P< 3S< 3P< 4S< 3d< 5s< 4D< 5P< 6S< 4F< 5d 6P< 7S
24Cr 29Cu इसके आधार पर अपवाद है।
पाऊली का अपवर्जन नियम :- एक दिए गए परमाणु में किन्हीं भी दो इलेक्ट्राॅनों के लिए चारों क्वाण्टम संख्याओं का मान समान नहीं हो सकता।
हुण्ड का अधिकतम बहुलता नियम- इसके अनुसार इलेक्ट्रान तब तक युग्मित नहीं होते जब तक कि रिक्त कक्षक प्राप्य (available) है अर्थात् जब तक संभंव है, इलेक्ट्राॅन अयुग्मित रहते हैं।