ड्रिप सिंचाई (Drip Irrigation) :
इसे Trickle Irigation भी कहा जाता है। इस प्रणाली में खेत में पाइप लाइन बिछा कर स्थान-स्थान पर नोजल लगाकर सीधे पौधे के जड़ में बूंद-बूंद करके जल पहुंचाया जाता है।
छिड़काव सिंचाई (Sprinkling Irrigation) :
सिंचाई की इस विधि में पाइपलाइन द्वारा पौधों पर फौव्वारे के रूप में पानी का छिड़काव किया जाता है। कपास, मूंगफली, तम्बाकू इत्यादि के लिए यह विधि उपयुक्त है।
रेन वाटर हारवेस्टिंग (Rain Water Harvesting) :
वर्षा के जल को जो अपवाह क्षेत्र में जाकर नष्ट हो जाते हैं, को एकत्रित करके सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसी प्रकार ऐसे जल को बोरिंग द्वारा भूमि के अंदर जाने दिया जाता है ताकि भूमिगत जल का स्तर ऊपर की ओर बना रहे। इसे ही रेन वाटर हारवेस्टिंग कहा जाता है। यह तकनीक भू-क्षरण और बाढ़ नियंत्रण में भी सहायक होती है।