पर्वत, पठार, मैदान तथा झील (Mountain Plane And Lake)
पर्वत वैसे ऊँचे स्थल हैं जिनका आधार, विस्तृत शिखर संकुचित तथा ढाल तीव्र होता है। पर्वत अपने निकटवर्ती क्षेत्रों की तुलना में 1000 मी0 से अधिक ऊॅचे होतें है। पर्वत के विभिन्न रूप हैं जिन्हें पर्वत कटक, पर्वत श्रेणी, पर्वत श्रृंखला आदि में वर्गीकृत किया जात है।
पर्वत के रूप (Forms of Mountain)
- पर्वत कटक,
- पर्वत श्रेणी,
- पर्वत श्रृंखला,
- पर्वत प्रणाली,
- पर्वत वर्ग,
- पर्वत समूह
1- पर्वत कटक (Mountain Ridge): लंबे सॅकरें एवं ऊॅचे पर्वत को पर्वत कटक कहते है।
2- पर्वत श्रेणी (Mountain series): पर्वतों एवं पहाडियों के क्रम को पर्वत श्रेणी कहते है। ये पर्वत एक ही काल एवं प्रक्रिया से निर्मित होते हैं। इनका विस्तार एक संॅकरी पट्टी में एक रेखा के रूप में होता है। जैसे- हिमालय पर्वत श्रेणी।
3- पर्वत श्रृंखला (Mountain Chain): जब लंबे सॅकरे पर्वतों का विस्तार समानान्तर रूप में पाया जाता है तो उसे पर्वत या पर्वत माला कहते हैं। ये पर्वत श्रृंखलाएं विभिन्न भागों में निर्मित होती है। जैसे अप्लेशियन पर्वत माला।
4- पर्वत तंत्र या पर्वत प्रणाली (Mountain Seriez): विभिन्न पर्वत श्रेणियों का समूह जो एक ही युग में निर्मित होते हैं। पर्वत प्रणाली या पर्वत तंत्र कहलाते हैं।
5- पर्वत वर्ग (Mountain Group): जब किसी प्रदेश की कटक तथा श्रेणियाॅ पर्वत श्रेणी की तरह समानान्तर न होकर असमान रूप से विस्तृत होती है तो उन्हें पर्वत वर्ग कहते हैं।
6- पर्वत समूह (Cordillera) : पर्वत वर्ग या पर्वत प्रणालियों का समूह पर्वत समूह कहलाता है। इन पर्वत समूहों का निर्माण विभिन्न युगों में हुआ है। जैसे-उत्तरी अमेरिका का पश्चिमी कार्डिलेरा।
1. पर्वत निर्माणकारी युग के आधार पर वर्गीकरण
(1) प्रीकैम्ब्रियन पर्वतः इस युग के पर्वतों का निर्माण लगभग 500 मिलियन वर्ष पूर्व अति रूपांतरित चट्टानों द्वारा हुआ है। अधिक अनावृत्तिकरण के कारण इनका पर्वतीय रूप समाप्त हो चुका है। उत्तरी अमेरिका के लाॅरेंशियन एवं एलगोमन पर्वत यूरोप में फेनो-स्कैण्डिनेविया के पर्वत आदि प्रीकैम्ब्रियन पर्वत के उदाहरण हैं।
(2) कैलिडोनियन पर्वतः स्काॅटलैंड के प्राचीन पर्वत कैलिडोनिया के नाम पर इस युग के पर्वतों को कैलिडोनियन पर्वत कहा जाता है। सिलुरियन एवं डेवोनयन काल के पर्वतो को इस युग में रखा जाता है। भारत के विध्यांचल, महादेव व सतपुड़ा तथा दक्षिण अमेरिका के ब्राजीलाइड्स इस युग के प्रमुख पर्वत हैं।
(3) हर्सीनियन पर्वतः हर्सीनियन पर्वतों का उद्गम पर्मियन व कार्बोनिफेरस युग में हुआ। उतरी अमेरिका में अप्लेशियन, यूरोप में सेंट्रल मेसिफ, वाॅस्ज्ेाज एवं ब्लैक फाॅरेस्ट, आइबेरियन प्रायद्वीप, यूराल पर्वत आदि इसके उदाहरण हैं। एशिया में अल्टाई, तिएनशान नानशान आदि हर्सीनियन पर्वत के उदाहरण हैं।
(4) अल्पाइन पर्वतः इस युग के पर्वतीकरण का नाम यूरोप के आल्प्स पर्वत के आधार पर किया गया। इसके अंतर्गत टर्शियरी काल में निर्मित पर्वतों को रखा हैजो विश्व के सर्वोंच एवं नवीन मोड़दार पर्वत हैं। इस युग के अधिकांश पर्वतों पर्वतों का निर्माण इओसीन, ओलिगोसीन प्लायोसीन तथा प्लीस्टोसीन काल में हुआ। उत्तरी अमेरिका में राॅकी दक्षिण अमेरिका में एण्डीज यूरोप में आल्प्स अफ्रीका में एटलस एशिया में हिमालय आदि पर्वत का निर्माण इसी काल हुआ।
2. निर्माण विधि के आधार पर पर्वतः
विश्व के पर्वतों का निर्माण विभिन्न कालो मे तथा भिन्न-भिन्न रूप से हुआ है। पर्वतों के निर्माण में संपीडन व खिंचाव शक्ति के साथ ज्वालामुखी से निःसृत पदार्थों का जमाव तथा स्थल के उभारो का योगदान होता है। पर्वत निर्माण में एक से अधिक शक्तियाॅ कार्य कारती हैं परन्तु उनमें से कोई एक कारक सर्वाधिक शक्तिशाली होता हैं इस आधार पर पर्वतों को निम्न रूप में विभाजित किया है।
वलित पर्वतः पृथ्वी के अन्तर्जात बल के कारण चट्टानों में संपीडन की क्रिया से वलित पर्वतों की उत्पत्ति हुई है। ये विश्व के सबसे ऊॅचे तथा विस्तृत पर्वत हैं। वलित पर्वतों का विस्तार प्रायः सभी महाद्वीपों में हैं। हिमालय अराकानयोमा, जैग्रोस एलवुर्ज एशिया में हैं। अफ्रीका में एटलस यूरोप में आल्प्स, उत्तरी अमेरिका मे राॅकी व दक्षिण अमेरिका में एण्डीज विश्व के प्रमुख वलित पर्वत हैं।
वलित पर्वतो का निर्माण अवसादी चट्टानो में वलन के फलस्वरूप हुआ है। अधिकांश वलित पर्वतों का निर्माण भूसन्नति में हुआ है। भूसन्नति से तात्पर्य लम्बे, सॅकरे तथा उथले जलीय भाग से है जिनमें तलछटीय निक्षेप के साथ-साथ तलीय में धॅसाव होता है। ये पर्वत चाप के आकार में पाये जोते हैं जिनका एक ढाल अवतल तथा दूसरा उत्तल होता है।
ब्लाॅक पर्वतः धरातलीय भागों में तनाव बल के कारण भ्रंश या दरारें पड जाती है इस कारण धरातल का कुछ भाग ऊपर तथा कुछ भाग नीचे धॅस जाता है। भ्रंश के समीप ऊॅचे उठे भाग को ब्लाक पर्वत कहते हैं। दरार या भ्रंश से निर्माण के कारण इसे भ्रंशोत्थ पर्वत भी कहते हैं। सतपुड़ा वाॅसजेस, ब्लेकफाॅरेस्ट सियरा नेवादा आदि ब्लाॅक पर्वत के उदाहरण हैं।
ज्वालामुखी पर्वतः इनका निर्माण ज्वालामुखी उद्गार से निःसृत लावा तथा अन्य पदार्थाें के जमाव के फलस्वरूप हुआ है। विश्व का सबसे ऊॅचा ज्वालामुखी पर्वत एकांकागुआ है। कोटोपैक्सी विश्व का सबसे ऊॅचा सक्रिय ज्वालामुखी पर्वत है। समुद्री नितल पर भी अनेक ज्वालामुखी पर्वतों का निर्माण हुआ है जिनकी चोटियां द्वीप के रूप में समुद्र से बाहर दिखाई देती हैं जैसे हवाई द्वीप एल्यूशियन द्वीप आदि।
अवशिष्ट पर्वत:- ये पर्वतों के सभी प्रकारो का अपरादित व घिसा-पिटा रूप है। अपरदन की शक्तियों द्वारा पर्वत अपरदित होकर अवशिष्ट पर्वत के रूप में दृश्यगत होेते हैं। भारत में अरावली, विध्यन पूर्वीघट तथा यूरोप में यूराल पेनाइन श्रेणी आदि अवशिष्ट पर्वत के उदाहरण हैं।
पर्वत निर्माण की अवस्थाएँ (Phases od Mounrain)%
पर्वत निर्माण की तीन अवस्थाएॅ हैं-
- . भॅू-सन्नति में निक्षेप की मात्रा
- पर्वत निर्माण की अवस्था
- . विकास की अवस्था
पर्वत निर्माण के प्रमुख सिद्धांतः
- भॅू-सन्नति सिद्धांत- कोबर
- तापीय संकुचन सिद्धांत- जेफरीज
- संवहन तरंग सिद्धांत-होम्स
- रेडियो सक्रियता सिद्धांत तथा तापीय चक्र सिद्धांत-जौली
- प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत वर्तमान में पर्वत निर्माण के संबंध में सर्वाधिक मान्य सिद्धांत
विश्व के प्रमुख पर्वत (Important Mountaion of World)%
उत्तरी अमेरिका- ब्रुक्स श्रेणी- के अलास्का के उत्तरी भाग में स्थित पश्चिम से पूर्व की ओर फैली हुई पर्वत श्रेणी।
अलास्का श्रेणी-। के अलास्का स्थित राॅकी का ही उत्तरी विस्तार, वलित पर्वत श्रेणी जहाॅ उ0अमेरिकी महाद्वीप की सर्वोच्च चोटी मा. मैकिले है।
मैकेजी श्रेणी- उ0प0 कनाड़ा में स्थित पर्वत राॅकी का उत्तरी विस्तार।
तटीय (Coast) श्रेणी- U.S.A व कनाडा के पश्चिम तटीय भागों में राॅकी का ही विस्तार। इसी के कारण राॅकी मध्य में अधिक चैड़ा है।
काॅस्केड श्रेणी- राॅकी व कोस्ट श्रेणी के मध्य स्थित वलित पर्वत। इसके पदीय भागों में कई अंर्तपर्वतीय पठार एवं बेसिन अवस्थित हैं।
ब्लू माउन्टेन(Blue Mountain)%- राॅकी व कास्केड श्रेणी के मध्य वलित पर्वत।
सियारा नेवादाः U.S.A के कैलिफोर्निया प्रदेश में स्थित विश्व का सबसे बड़ा ब्लाॅक पर्वत।
राॅकीः उ0 अमेरिका में पश्चिम में तट के समानांतर स्थित उत्तर से दक्षिण में विस्तृत अल्पाइन क्रम का वलित पर्वत।
अल्पेशियन श्रेणी:- अत्यधिक प्राचीन वलित मोड़दार पर्वत न्ण्ैण्। के उ0प0 भाग में स्थित खनिज संसाधन संपन्न।
एलेघनी श्रेणीः- अप्लेशियन व वृहत झील प्रदेशों के मध्य स्थित मोड़दार पर्वत।
वासाच श्रेणीः-U.S.A में स्थित ब्लाॅंक पर्वत, खनिज हेतु प्रसिद्ध।
पश्चिमी सियरा माद्रेः- मौक्सिको के पश्चिमी भाग में वलित पर्वत श्रेणी।
पूर्वी सियरा माद्रेः मैक्सिको के पूर्वी भाग में स्थित वलित पर्वत श्रेणी।
एंडीज श्रेणीः- उत्तर से दक्षिण में विस्तृत विश्व की सबसे लंबी पर्वतमाला। सर्वाेच्च चोटी- एकांगुआ।
पश्चिमी कार्डिलेरा:- यह दक्षिणी अमेरिका के ऊपर पश्चिमी भाग में तट के समानान्तर वलित पर्वतों का एक जटिल क्रम है, जहाॅ अनेक ज्वालमुखी पर्वत भी मिलते हैं।