Indian Economics

अन्तर्राष्ट्रीय ऋण समस्या (International Debt Problem)

अन्तर्राष्ट्रीय ऋण समस्या (International Debt Problem) अल्पविकसित देशों की विदेशी ऋण की समस्या बहुत गंभीर है क्योंकि वे अपनी विकास की समस्याओं के वित्त प्रबंधन हेतु पूंजी के विदेशों से अंतर्वाह पर निर्भर करते हैं। अल्पविकसित देश गरीब होने के कारण उनकी घरेलू बचत तथा निवेश की दरें कम होती हैं। उनमें आर्थिक तथा सामाजिक उपरि-पुंजी …

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अन्तर्राष्ट्रीय विकास परिषद् (International Development Association)

अन्तर्राष्ट्रीय विकास परिषद् (International Development Association) अन्तर्राष्ट्रीय विकास परिषद् अथवा संघ, विश्व बैंक से संबद्ध संस्था है जो 1960 में स्थापित की गई थी। कानूनी और वित्तीय तौर से यह संस्था विश्व बैंक से अलग है परन्तु वास्तव में यह विश्व बैंक की सहयोगी संस्था है। विश्व बैंक का अध्यक्ष ही इसका अध्यक्ष होता है। इस …

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विश्व बैंक (World Bank)

विश्व बैंक (World Bank) :- अन्तर्राष्ट्रीय पुनर्निमाण एवं विकास बैंकInternational Bank for reconstruction and Development जो विश्व बैंक के नाम से प्रसिद्ध है, का जन्म संयुक्त राष्ट्र संघ के मौद्रिक एवं वित्तीय सम्मेलन का परिणाम है जो 1 जुलाई से 22 जुलाई 1944 तक ब्रेटनवुड्स नामक स्थान पर (अमरीका में) अन्तर्राष्ट्रीय मुद्राकोष तथा विश्व बैंक …

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अन्तर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाएं संगठन (International Financial Institution Trade)

अन्तर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाएं संगठन (International Financial Institution & Trade) अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार तथा वित्तीय मामलों में प्रभावी सहयोग तथा राष्ट्रों की संतुलित व समन्वित समृद्धि में अन्तर्राष्ट्रीय वित्तीय संगठनों एवं वित्तीय संस्थाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। अल्प विकसित या विकासशील देशों में योजनाओं के क्रियान्वयन तथा भुगतान संतुलन में इसका अमूल्य योगदान है। अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष …

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कृषि विज्ञान की क्रान्तियाँ (Reeducation of Agriculture)

कृषि विज्ञान की क्रान्तियाँ (Reeducation of Agriculture) :- (1) भारत में हरित क्रान्ति (Green Revolution in India) :- नेशनल डेरी रिसर्च इन्स्टीट्यूट की स्थापना 1955 ई0 में कर्नाल हरियााणा में की गई थी। पीली क्रान्ति (Yellow Revolution) :-  कृषि क्षेत्र में अनुसन्धान एवं विकास की अगली कड़ी पीली क्रान्ति है। इसके तहत तिलहन उत्पादन में …

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प्रतिरोधक भण्डार (वफर स्टाॅक)

प्रतिरोधक भण्डार (वफर स्टाॅक) वफर स्टाक बनाने का एक मात्र उद्देश्य खाद्य सुरक्षा प्रदान करना होता है यह एक ऐसा प्रारम्भिक स्टाॅक है जिसके फसल खराब होने की स्थिति में अनाज निकाला जाता है। सन् 1994 ई0 के बाद से स्टाॅक प्रत्येक तिमाही के लिए अलग-अलग निर्धारित किया जा रहा है। यदि स्टाॅक वर्ष भी …

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किसान क्रेडिट कार्ड योजना (KCC)

किसान क्रेडिट कार्ड योजना (KCC) कृषकों को संगठित बैंकिंग प्रणाली तथा कम खर्चीले तरीके से पर्याप्त और यथा समय ऋण सहायता प्रदान करने के लिए अगस्त 1998 ई0 में किसान क्रेडिट कार्ड योजना चलाई गयी। इस योजना का कार्यान्वयन वाणिज्यिक बैंको, केन्द्रीय सहकारी बैंको और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के माध्यम से किया जा रहा है। …

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बीजों का वर्गीकरण फसलचक्र

बीजों का वर्गीकरण 1. प्रजनक बीज (Breeders Seeds) :- प्रजनक बीज, पादप या जिस संस्था द्वारा पैदा किया जाता है उससे सीधा सम्बन्धित होता है इसमें सबसे अधिक शुद्धता पायी जाती है। आधार बीज (Foundation Seeds) :- ये बीज प्रजनक बीजों से तैयार किये जाते है इनमें विशेष मानकों के आधार पर आंनुवशिक गुण और शुद्धता पायी …

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भारतीय कृषि

भारतीय कृषि भारतीय कृषि अर्थव्यवस्था के आधार के रूप में जानी जाती है। पिछले कुछ दशकों से कृषि नीति खाद्यान्न उत्पादन में स्व- पर्याप्तता तथा निर्भरता की रही है खाद्यान्न उत्पादन जो सन् 1951-52 में मात्र 52 मिलियन टन था वह 2013-14 में बढ़कर 254.8 मिलियन टन हो गया। 12वीं पंचवर्षीय योजना के प्रथम तीन …

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भारत में नियोजन (Planning in India)राष्ट्रीय विकास परिषद एवं योजना

भारत में नियोजन (Planning in India) भारत में आयोजन से अभिप्राय राज्य के अभिकरणों के द्वारा देश की आर्थिक सम्पदा और सेवाओं के एक निश्चित समय हेतु आवश्यकताओं का पूर्वानुमान लगाना है। वर्तमान परिस्थिति में कल्याणकारी राज्य (Welfare State) की अवधारणा में नियोजन के द्वारा समाज को विकसित करने का लक्ष्य रखा जाता है और …

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