स्मार्ट कृषि (Smart Farming) : कृषि उत्पादकता को बढ़ाने के लिए आजकल स्मार्ट कृषि (Smart Farming) शब्दावली का प्रयोग हो रहा है, जो कि परिशुद्ध कृषि (Precision Farming) का समानार्थी है। इसमें सम्मिलित हैं—वर्धित उत्पादकता (Enhanced Productivity), संवर्धित लोचकता (Improved Resilience) एवं कृषि संबंधी दुष्प्रभावों को कम करना। यही वे तरीके हैं, जिन्हें अमल में लाकर हम बढ़ती आबादी के साथ कृषि उत्पादों की बढ़ती हुई मांग को पूरा कर खाद्यान्न सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकत है। स्मार्ट कृषि में जिन सात ई का विशेष महत्त्व होता है, वे हैं-
- उच्चतर उत्पादकता के जरिए उत्पादन बढ़ाना (Enhancement)
- आर्थिक दृष्टि से कृषि की व्यवहार्यता (Economical)
- जीवाश्म ईंधन की ऊर्जा (Energy) का सीमित उपयोग
- सीमित प्राकृतिक संसाधनों का कुशल (Efficient) इस्तेमाल
- कृषि समुदाय में लाभों का समान वितरण (Equitable)
- उच्च आय स्तर हेतु रोजगारों का सृजन (Employment)
- पर्यावरण एवं पारिस्थितिकीय (Environmental)
स्मार्ट कृषि को उपरोक्त 7E पर केंद्रित रखकर हम जहां कृषि को लाभकारी स्वरूप प्रदान कर सकते हैं, वहीं उत्पादकता को बढ़ाकर कृषि उत्पादों की बढ़ती मांग को भी पूरा कर सकते हैं।