Geography

भारत का भूगोल

भारत का भूगोल (Indian Geography) भौतिक खण्ड सामान्य परिचय :- भारत (India) पृथ्वी के उत्तरी पूर्वी गोलार्द्ध में 8º 4’ से 37º 6’ उत्तरी अक्षांश तथा 68º 7’ से 97º 25’ पूर्वी देशान्तर के मध्य स्थित है 80.5 पूर्वी देशान्तर भारत के लगभग मध्य से होकर गुजरती है। यही भारत की मानक समय रेखा है। कर्क …

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लवणता, सागरीय निक्षेप, अटलांटिक एवं हिन्द महासागर की जल धारायें

लवणता सागरीय लवणता से तात्पर्य सागरीय जल मे पाये जाने वाले पदार्थों की मात्रा के अनुपात से है। इसको ग्राम/हजार % जल में पाये जाने वाले पदार्थों की मात्रा में प्रदर्शित किया जाता है। यह % प्रतिशत में नहीं व्यक्त किया जाता/बल्कि इसे मात्रा में व्यक्त करते हैं। समान लवणता वाले स्थानों को मिलाने वाली …

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महत्वपूर्ण गर्त

महत्वपूर्ण गर्त :- चैलेन्जर या मैरियाना गर्त – यह फीलीपीन्स के पास उत्तरी प्रशान्त महासागर में 11किमी0 सबसे गहरा (विश्व में) गर्त है। प्रोटोरिको – उत्तरी अटलांटिक महासागर में पश्चिमी द्वीप के पास जो पाया जाता है जो अटलांटिक महासागर का सबसे गहरा गर्त है। सुडान गर्त – यह उत्तरी हिन्द महासागर का सबसे गहरा गर्त है कुल …

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जलवायु (Climate)

जलवायु (Climate) जलवायु  से तात्पर्य सारे मौसमी तत्वों के औसत मान पर आधारित किसी स्थान की दीर्घकालीन वायुमण्डलीय दशाओं से है। इसके लिए प्रतिदिन पुनः प्रत्येक माह और अंत में वर्षभर के तापमान, वर्षा एवं अन्य तत्वों या घटकों के मध्य औसत मान से जलवायु के आॅकड़ें तैयार करने पड़ते हैं। जलवायु- सम्बन्धी औसत के …

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भारतीय मानसून (The Origin Of India Man soon)

भारतीय मानसून (The Origin Of India Man soon) मानसून शब्द अरबी भाषा के मौसिम शब्द से लिया गया है। जिसका तात्पर्य है हवाओं का ऋतुवत परिवर्तन। इसी लिए भारतीय महाद्वीप पर चलने वाली हवाएं मानसूनी हवाएं कहलाती हैं क्योंकि ये भी ऋतुवत परिवर्तित होती रहती है। मनसून उत्पत्ति के बारे मे निम्नलिखित सिद्धान्त हैंः- 1. …

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प्रदेश जलवायु

प्रदेश जलवायु (Climatie) मौसम- किसी क्षेत्र की किसी समय विशेष में वायुमण्डलीय दशाओं या अवस्थाओं के अल्पकालिक अध्ययन को मौसम कहते हैं। जलवायु – किसी क्षेत्र विशेष में वायुमण्डल के मौसमी दशाओं का औसत अध्ययन दीर्घ कालिक रूप में किया जाय उसे जलवायु कहते हैं। प्रदेश जलवायु – किसी क्षेत्र या प्रदेश में एक समान वायुमण्डलीय दशाओं या जलवायु …

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अक्षांश एवं देशान्तर

अक्षांश एवं देशान्तर पृथ्वी की आकृति GEOID  है जिसे पृथ्वीब्याकार भी कहते हैं।   पृथ्वी पर 7o.9% जल एवं 29.1% पर स्थल है। पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव से इसकी गति का अवलोकन करने पर यह Anti-clock Wise घूमती प्रतीत होती है। जबकि दक्षिणी ध्रुव पर से अवलोकन करने पर Clock Wiseघूमती प्रतीत है। तथा जब …

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सूर्यातप (Insulation)

सूर्यातप (Insulation) सूर्यातप सूर्य की किरण का वह भाग है जो पृथ्वी को प्राप्त होता है। इसको निम्नलिखित प्रकार से समझ सकते हैं। In-coming〉  Sol-Solar 〉  Ation-Radiation〉 लघु तरंगों के रूप में आने वाली सूर्य की किरणें जो 3 लाख किलो मीटर/सेकण्ड या 1 लाख 86 हजार मील से0 की गति से पृथ्वी की सतह पर …

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भू-संचलन (Earth Movement)

भू-संचलन (Earth Movement) भूतल पर परिवर्तन दो बलों के कारण होता है-  अन्तर्जात बल तथा  बहिर्जात बल। पृथ़्वी के आन्तरिक भाग से उत्पन्न होने वाले बल को अन्तर्जात बल जबकि पृथ्वी की सतह पर उत्पन्न होने वाले बल को बहिर्जात बल कहते हैं। अन्तर्जात बल का संबंध पृथ्वी के भू-गर्भ से होता है जबकि बहिर्जात …

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नदी द्वारा निर्मित स्थलाकृतियाॅ

नदी द्वारा निर्मित स्थलाकृतियाॅ (Land Forms Created By The River) अपरदन द्वारा निर्मित स्थलाकृतियाँ(Erosional Eandforms) :- V आकार की घाटी  (V Shaped Valley) नदियों द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों मे लम्बवत् अपरदन द्वारा निर्मित गहरी संकीर्ण घाटी ‘V’ आकार की घाटी कहलाती है। इस घाटी का आकार अंग्रेजी वर्णमाला के ‘V’ अक्षर के समान होता है।  गाॅर्ज एवं …

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