Geography

अपक्षय तथा अपरदन (Weathering And Erosion)

अपक्षय तथा अपरदन (Weathering And Erosion) चट्टानों के अपने स्थान पर भौतिक अथवा रासायनिक प्रक्रियाओं द्वारा टूटने-फूटने की क्रिया को अपक्षय (Weathering)  कहते हैं। अपक्षय एक स्थैतिक प्रक्रिया है क्योंकि इसमें चट्टानों के टूटे-फूटे पदार्थों के परिवहन को सम्मिलित नहीं किया जाता है। अपरदन में परिवहन की क्रियाओं को सम्मिलित किया जाता है। इस प्रकार …

अपक्षय तथा अपरदन (Weathering And Erosion) Read More »

झील

झील सामान्य रूप में झील भूतल गहरे व विस्तृत होते हैं जिनमें जल भरा रहता है। दूसरे शब्दों मे झीलें स्थलखण्ड के आन्तरिक भागों में स्थित जलपूर्ण गर्त हैं झीलें बनती हैं, विकसित होती हैं तथा धीरे-धीरे निक्षेपित पदार्थाें से भरकर दलदल बन जाती हैं। झीलों की विशेषतायें:-   झीलें परिवर्तनशील होती हैं।   कुछ …

झील Read More »

मैदान

मैदान  सामान्यतः सागर तल से 150 मी. तक ऊँचे किन्तु समतल तथा विस्तृत खण्ड को मैदान की संज्ञा दी जाती है। मैदान का ऊपरी धरातल सपाट तथा समतल होता है। द्वितीय श्रेणी के उच्चावच में मैदान सर्वाधिक महत्वपूर्ण हैं। संपूर्ण विश्व के 41% भू-भाग पर मैदान का विस्तार है। कुछ मैदान अपेक्षाकृत अधिक ऊँचे तथा …

मैदान Read More »

यूरोप,और विश्व के प्रमुख पर्वत शिखर/चोटी एवं पठार

वलित पर्वतो का निर्माण अवसादी चट्टानो में वलन के फलस्वरूप हुआ है। अधिकांश वलित पर्वतों का निर्माण भूसन्नति में हुआ है। भूसन्नति से तात्पर्य लम्बे, सॅकरे तथा उथले जलीय भाग से है जिनमें तलछटीय निक्षेप के साथ-साथ तलीय में धॅसाव होता है। ये पर्वत चाप के आकार में पाये जोते हैं जिनका एक ढाल अवतल …

यूरोप,और विश्व के प्रमुख पर्वत शिखर/चोटी एवं पठार Read More »

पर्वत, पठार, मैदान तथा झील (Mountain Plane And Lake)

पर्वत, पठार, मैदान तथा झील (Mountain Plane And Lake) पर्वत वैसे ऊँचे स्थल हैं जिनका आधार, विस्तृत शिखर संकुचित तथा ढाल तीव्र होता है। पर्वत अपने निकटवर्ती क्षेत्रों की तुलना में 1000 मी0 से अधिक ऊॅचे होतें है। पर्वत के विभिन्न रूप हैं जिन्हें पर्वत कटक, पर्वत श्रेणी, पर्वत श्रृंखला आदि में वर्गीकृत किया जात …

पर्वत, पठार, मैदान तथा झील (Mountain Plane And Lake) Read More »

चट्टान (Rocks) की उत्पत्ति तथा विशेषताएं

चट्टान (Rocks) भूपटल के सभी कठोर एवं मुलायम पदार्थ चट्टान (Rocks) कहलाते हैं, उदारणार्थ- पत्थर, बालू, मिट्टी आदि। अर्थात् भूपटल के वे सभी पदार्थ, जो खनिज नहीं हैं, चट्टानें कहलाती हैं। ये ग्रेनाइट के समान कठोर हो सकती हैं और मिट्टी जैसी मुलायम भी हो सकती है। सामान्यतः वनस्पति एवं जैविक पदार्थों को चट्टानों से …

चट्टान (Rocks) की उत्पत्ति तथा विशेषताएं Read More »

प्लेट विवर्तनिकी सिद्धान्त (Plate Tectonic Theory)

प्लेट विवर्तनिकी सिद्धान्त(Plate Tectonic Theory) प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत प्लेटों के स्वभाव एवं प्रवाह से सम्बन्धित अध्ययन है। इस सिद्धांत का प्रतिपादन 1960 के दशक में किया गया। हैरी हेस, विल्सन, माॅर्गन, मैकेन्जी तथा पार्कर आदि विद्वानों ने इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया। प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत द्वारा समुद्री तल प्रसार, महाद्वीपीय विस्थापन, भूपटलीय संरचना, भूकम्प …

प्लेट विवर्तनिकी सिद्धान्त (Plate Tectonic Theory) Read More »

महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत

महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत (Theory of Continental Drift) महाद्वीपों के प्रवाहित होने की संभावना का सुझाव सर्वप्रथम फ्राँसीसी विद्वान एन्टोनियो स्नाइडर ने 1858 ई0 में दिया किन्तु वैज्ञानिकता के अभाव में इस संभावना को नकार दिया गया। 1910 में टेलर ने स्थल भाग के क्षैतिज स्थानान्तरण को मोड़दार पर्वतों की व्याख्या के क्रम में प्रस्तुत किया …

महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत Read More »

भूकम्प के कारक तथा प्रकार

‘भूकम्प'(Earth Quakes) ज्ञात या अज्ञात, वाह्य अथवा अन्तर्जात कारणों से उत्पन्न पृथ्वी में कम्पन को ही भूकम्प कहते हैं। जहाँ से भू-कम्प तरंग की उत्पत्ति या पादुर्भाव होता है उसको भूकम्प केन्द्र या भूकम्प मूल या Focus कहा जाता है और सर्वप्रथम भूकम्प की तरंगें जहाँ पहुँचती है उसको अधिकेन्द्र (Epicenter) कहा जाता है। Epicenter पर ही …

भूकम्प के कारक तथा प्रकार Read More »

ज्वालामुखी (VALCANO) क्या है, और इसके प्रकार

ज्वालामुखी (Valcano) ज्वालामुखी का अर्थ है-जिसके मुख से आग निकलती हो। ज्वालामुखी का संबंध उस गोल छिद्र से है, जिसके द्वारा पृथ्वी के भू-गर्भ से तप्त तरल लावा या मैग्मा, गैस, जल तथा चट्टानों के टुकड़े जो गर्म पदार्थ के रूप में धरातल की सतह पर प्रकट होते हैं ज्वालामुखी कहलाते हैं। जबकि ज्वालामुखी क्रिया के …

ज्वालामुखी (VALCANO) क्या है, और इसके प्रकार Read More »

Scroll to Top